केकड़ों की वजह से टूटा तिवरे बांध – जल संरक्षण मंत्री का दावा

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कोल्हापूर – महाराष्‍ट्र के रत्‍नागिरी जिले में तिवरे बांध  के टूटने से मरने वालों की संख्‍या बढ़कर 19 हो गई है और 3 लोग अभी भी लापता हैं। खराब मौसम के कारण इलाके में सर्च ऑपरेशन पहले रोक दिया गया था जो फिर से शुरू हो गया है। इस बीच राज्‍य के जल संरक्षण मंत्री ने स्‍थानीय लोगों के हवाले से बताया कि केकड़ों की वजह से बांध को नुकसान पहुंचा और गुरुवार की रात को यह टूट गया। 
हाल ही में मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि सरकारी जांच पूरी होने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। सावंत ने कहा, ‘ तिवरे गांव के बहुत से लोगों खासकर बुजुर्गों ने बताया कि बांध की दीवार में क्रैक आने से पहले उसकी दीवार के पास बड़ी संख्‍या में केकड़े देखे गए थे।’ उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि यह उनकी राय नहीं बल्कि गांव के लोगों ने उन्‍हें बताया है।
सावंत ने कहा, ‘गांववालों ने मुझे बताया कि केकड़ों ने बांध के अंदर सुराख कर दिया था। यह कोंकण इलाके में आम समस्‍या है। जब मरम्‍मत का काम हुआ था, उस समय कई जगहों पर मिट्टी डाली गई थी लेकिन बांध की दीवारों में बने सुराख को बंद नहीं किया गया था। स्‍थानीय लोगों ने मुझे यह बताया और मैं उनकी राय को यहां बता रहा हूं।’
बुधवार को जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, रत्‍नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री रविंद्र वायकर के साथ सांवत ने बांध का दौरा किया। मंत्री सावंत ने कहा कि गांववालों ने उनसे शिकायत की है कि बांध का ढांचा कमजोर हो गया था और उसमें से लगातार पानी बह रहा था। बता दें कि सावंत का बयान महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि शिवसेना के स्‍थानीय विधायक सदानंद चव्‍हाण विवादों का केंद्र बने हुए हैं।
चव्‍हाण ने स्‍वीकार किया कि खेमराज कंपनी ने यह बांध बनाया था जिसके मालिक उनके भाई हैं। बांध का निर्माण कार्य वर्ष 2004 में पूरा हो गया था और इसे सरकार को सौंप दिया गया था। विपक्षी दलों ने विधायक सदानंद चव्‍हाण से नैतिकता के आधार पर इस्‍तीफा मांगा है। उधर, चव्‍हाण ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्‍होंने ग्रामीणों की लीकेज की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।