मुंबई :- ईवीएम के खिलाफ राज्य के साथ देशभर में विरोधी दल के नेता एकजुट होते है तो इस मुद्दे पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एक बार ईवीएम गई तो भाजपा जाएगी। उन्होंने कहा कि मतपत्रों से चुनाव नहीं हुए तो देश का लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा।
ईवीएम के मुद्दे पर देश के सभी दल एकसाथ आ गए है
ईवीएम के मुद्दे पर महाराष्ट्र सहित देश के सभी विरोधी दल के नेता एक साथ आ गए है. इनमे मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे सबसे आगे है. पिछले शुक्रवार को राज ठाकरे सहित कांगेस के प्रदेशाध्यक्ष बालासाहेब थोरात , राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अजीत पवार, स्वाभिमानी शेतकरी संघटन के नेता राजू शेट्टी सहित अन्य विरोधी दलों के नेताओं ने एक साथ आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम का विरोध किया था. राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव मतपत्रों के जरिये कराने की मांग एकसाथ की गई. साथ ही इस मुद्दे पर जनजागृति के लिए राज्य भर में रैली निकाली जाएगी। साथ ही मनसे की तरफ से घर घर जाकर हस्ताक्षर मुहीम चलाया जाएगा।
राज ठाकरे ने ममता बनर्जी से मुलाकात की थी
पिछले सप्ताह राज ठाकरे ने ईवीएम के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात की थी । इस मसले पर राज ठाकरे ने उनका रुख जानने का प्रयास किया। इसके बाद उन्होंने विश्वास जताया कि एक बार ईवीएम गई तो भाजपा भी जाएगी। मतपत्रों से चुनाव नहीं कराया गया तो देश के लोकतंत्र को खतरा है।
राज ठाकरे ने क्या कहा
विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का विचार मनसे कर रही है. इस पर मुद्दे पर शरद पवार ने कहा की पार्टी के नेताओं ने ऐसा कहा है. इस पर राज ठाकरे ने कहा कि मैंने ऐसा किसी को कुछ नहीं कहा हैं. अगर ऐसा कुछ होता तो उसकी घोषणा करता।
भाजपा सीट जितने का दावा कैसे कर रही है
उन्होंने कहा कि मै ईवीएम के मुद्दे पर पहली बार नहीं बोल रहा हूं । चुनाव में जनता जीतती या हारती है ये देखिये। चुनाव से पहले भाजपा ने 250 सीटें जितने का दावा किया है. इसके बाद वह 300 सीटें जितने की बात करने लगे। ये आंकड़ा वह कैसे बता रहे थे ? राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में वे 200 सीटें जितने का दावा कर रहे है । हारे और जो जीते उनके लिए लोकसभा चुनाव का परिणाम चौकाने वाला था भाजपा को अगर इतना विश्वास है तो मतपत्रों से चुनाव के लिए क्यों नहीं तैयार हो रही है ?
सभी बड़े देशो में मतपत्रों से चुनाव होता है
उन्होंने कहा कि अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया हमसे कितना बड़ा देश है । वहां आज भी मतपत्रों से चुनाव होता है। अगर ईवीएम इतना ही कारगर है तो वहां मतपत्रों से क्यों चुनाव होता हैं । मनसे विधानसभा का चुनाव लड़ेगी कि नहीं ये बाद का सवाल है । पहले ईवीएम का मुद्दा हल करना है. चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू हो चुकी है।