महाराष्ट्र : सरकार बनने का फैसला हम अकेले फैसला नहीं ले सकते – अजित पवार

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STAR18NEWS मुंबई – राकांपा नेता अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि हमने (राकांपा और कांग्रेस) साथ-साथ चुनाव लड़ा है, इसलिए सरकार बनने का फैसला हम अकेले फैसला नहीं ले सकते। कल 10 बजे से शाम 7 बजे तक हम उनके पत्र की राह देखते रहे, लेकिन शाम तक वह नहीं मिला। हमारा अकेले पत्र देना ठीक नहीं था। हमारे पास कुल 98 विधायक हैं। इस बीच लीलावती अस्पताल में भर्ती शिवसेना सांसद संजय राउत से शरद पवार ने मुलाकात की। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर 18 दिनों से चल रही उठापठक के बीच राज्यपाल ने अब तीसरे बड़े दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को सरकार बनाने का न्योता दिया है। इसके लिए राकांपा को आज रात 8.30 बजे तक का समय मिला है।

‘कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग कर उन्हें बता देंगे’
इससे पहले शरद पवार अपने विधायकों के साथ मीटिंग करेंगे। अजित ने कहा, ‘‘पवार साहब को अहमद पटेल ने फोन कर दिल्ली बुलाया था। लेकिन हमारे विधायक यहां है और पवार साहब का दिल्ली जाना मुश्किल है। इसलिए हमने यहां चर्चा का मन बनाया है। कांग्रेस और राकांपा ने साथ चुनाव लड़ा है इसलिए हम एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगा सकते। उन्होंने (कांग्रेस) हमें मैसेज दिया था कि हम यहां (महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के साथ) बैठक कर उन्हें बता दें। आज शाम को राकांपा और कांग्रेस नेताओं की मुंबई में बैठक होगी।’’

राष्ट्रपति शासन के सवाल पर अजित ने कहा- अगर हम एक साथ चर्चा कर रहे हैं, तो आगे किसी चीज का कोई सवाल ही नहीं उठता। इस बीच, शरद पवार ने मंगलवार को लीलावती अस्पताल में भर्ती शिवसेना नेता संजय राउत से मुलाकात की। पवार ने राकांपा और कांग्रेस नेताओं की मुलाकात पर कहा कि इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं।

शिवसेना को ज्यादा समय देने से राज्‍यपाल का इनकार
इससे पहले सोमवार शाम शिवसेना नेता आदित्‍य ठाकरे ने भगत सिंह कोश्‍यारी से मुलाकात के दौरान सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए दो दिन का समय मांगा था, जिसे राज्‍यपाल ने देने से मना कर दिया। अब राज्‍यपाल ने राकांपा को सरकार बनाने का न्‍याोता दिया है।

महाराष्ट्र में कांग्रेस के 40 विधायक पिछले चार दिनों से जयपुर के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं। इन विधायकों ने शिवसेना को सत्ता के फेर में फंसा दिया है, क्योंकि कुछ विधायक चाहते हैं कि वे सरकार में शामिल हों, जबकि कुछ का कहना है कि इस फैसले के लिए पार्टी को कुछ और वक्त लेना चाहिए। इस दौरान दिन में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने दो बार विधायकों से मोबाइल पर बात की, लेकिन एकराय नहीं बन पाई। यही वजह रही कि कांग्रेस ने शिवसेना को सोमवार शाम 7:30 बजे तक समर्थन का पत्र नहीं सौंप पाई।