star18news बीजिंग :- मौजूदा समय में अमेरिका और चीन के बीच बातचीत का भारी तनाव है। दोनों तरह से बयानबाजी शुरू है। कभी अमेरिका तो कभी चीन एक दूसरे को धमकी दे रहा है। ऐसे में एक बार फिर चीन ने अमेरिका को खुली धमकी दी है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हांगकांग का स्पेशल स्टेटस खत्म करने के फैसले के बाद अब चीन ने अमेरिका को खुली धमकी दे दी है। चीन ने कहा है कि हांगकांग उसका आंतरिक मामला है और अमेरिका उसमें दखल देने से पहले सोच-समझ ले।
इतना ही नहीं चीन ने साफ तौर से कह दिया है कि वो हमेशा से शांति और बातचीत के जरिए हल निकालना चाहता है लेकिन अगर अमेरिका नहीं समझ रहा और समुद्र में लहरें बनाने की कोशिश में लगा है तो फिर बड़े तूफान के लिए अमेरिका तैयार रहे। इस बारे में चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक ट्वीट भी किया है। अपने इस ट्विट में उन्होंने कहा है कि- अगर इस रवैये को बातचीत की ताकत कहा जायेगा तो ये जंगल के कानून से कम नहीं, सद्भावना के बिना ताकत खतरनाक भी होती है। पेड़ हमेसा शांति की उम्मीद करता है लेकिन तेज हवा बहती रहती है। अगर अमेरिका नहीं समझ रहा और समुद्र में लहरें बनाने की कोशिश में लगा है तो फिर बड़े तूफान के लिए अमेरिका तैयार रहे।
बता दें कि हाल ही में ट्रंप ने हांगकांग पर एक नए कानून को मंजूरी दी है। इस नए कानून के तहत अमेरिका अब उन चीनी अफसरों और कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई कर सकेगा जो वहां लोकतंत्र की मांग को उठने नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका जिन कंपनियों को स्पेशल स्टेटस के अंतर्गत कुछ छूट देता आ रहा था, वो अब नहीं देगा। वहीँ, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, अमेरिका की हांगकांग में नए सुरक्षा क़ानून को लागू करने से रोकने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। हम अमरीका से अपील करते हैं कि वो इस क़ानून को लागू न करे और अपनी ग़लती सुधारे। चीन के आंतरिक मामलों में दख़ल देना बंद करे। अमेरिका अगर ऐसा नहीं करता है तो चीन भी इसका कड़ा जवाब देगा।
इतना ही नहीं चीन ने साफ तौर से कह दिया है कि वो हमेशा से शांति और बातचीत के जरिए हल निकालना चाहता है लेकिन अगर अमेरिका नहीं समझ रहा और समुद्र में लहरें बनाने की कोशिश में लगा है तो फिर बड़े तूफान के लिए अमेरिका तैयार रहे। इस बारे में चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक ट्वीट भी किया है। अपने इस ट्विट में उन्होंने कहा है कि- अगर इस रवैये को बातचीत की ताकत कहा जायेगा तो ये जंगल के कानून से कम नहीं, सद्भावना के बिना ताकत खतरनाक भी होती है। पेड़ हमेसा शांति की उम्मीद करता है लेकिन तेज हवा बहती रहती है। अगर अमेरिका नहीं समझ रहा और समुद्र में लहरें बनाने की कोशिश में लगा है तो फिर बड़े तूफान के लिए अमेरिका तैयार रहे।
बता दें कि हाल ही में ट्रंप ने हांगकांग पर एक नए कानून को मंजूरी दी है। इस नए कानून के तहत अमेरिका अब उन चीनी अफसरों और कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई कर सकेगा जो वहां लोकतंत्र की मांग को उठने नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका जिन कंपनियों को स्पेशल स्टेटस के अंतर्गत कुछ छूट देता आ रहा था, वो अब नहीं देगा। वहीँ, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, अमेरिका की हांगकांग में नए सुरक्षा क़ानून को लागू करने से रोकने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। हम अमरीका से अपील करते हैं कि वो इस क़ानून को लागू न करे और अपनी ग़लती सुधारे। चीन के आंतरिक मामलों में दख़ल देना बंद करे। अमेरिका अगर ऐसा नहीं करता है तो चीन भी इसका कड़ा जवाब देगा।