सातारा – विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिवसेना के साथ सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सहयोगी पार्टी के साथ बातचीत चल रही है। इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय होगा। सातारा जिले के कराड में महाजनादेश यात्रा के दौरान भाजपा नेता ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया, लेकिन कुछ ने विरोध भी किया। मैं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण से पूछना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर वह सरकार के समर्थन में हैं या विरोध में।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार द्वारा हाल में पाकिस्तान की प्रशंसा किए जाने के मुद्दे पर फड़नवीस ने कहा, ‘शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं। कोई बयान देते हुए उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि उससे पाकिस्तान का भला होगा या भारत का।’ उन्होंने कहा कि यह बयान विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए दिया गया है।
गौरतलब है कि शरद पवार ने विवादित बयान देते हुए कहा कि देश का शासक वर्ग राजनीतिक लाभ के लिए पाकिस्तान को लेकर लगातार झूठ बोल रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ ये बयान बगैर वास्तविक स्थिति जाने केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिए जाते हैं। हमारे यहां लोग कहते हैं कि पाकिस्तान के लोग अन्याय झेल रहे हैं, लेकिन ये बयान सच नहीं हैं।
रिश्तेदारों जैसा व्यवहार करते हैं पाकिस्तानी – शरद पवार यहीं नहीं रूके उन्होंने पाकिस्तान की तारिफ करते हुए कहा ‘ मैं पाकिस्तान गया था, वहां मेरी काफी खातिरदारी हुई। पाकिस्तानी ये मानते हैं कि बेशक वह भारत अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए नहीं आ सकते, लेकिन वह भारतीयों के साथ अपने रिश्तेदारों जैसा व्यवहार ही करते हैं। बहरहाल शरद पवार पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनका पाकिस्तान के प्रति प्रेम उमड़ा हो। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पाकिस्तान के हित में बयान दे चुके हैं। राहुल का बयान उनपर भारी पड़ गया था। पाकिस्तान ने उनके इस बयान को अपने झूठ सहारा बनाया था।
शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की – शरद पवार के इस बयान पर शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की है। पार्टी की प्रवक्ता मनीषा कायदे ने पवार के बयान की निंदा करते कहा कि कार्यकर्ता लगातार पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। इससे पवार बताश हैं। ऐसे मौके पर पाकिस्तान की प्रशंसा करना कितना उचित है ? कहीं पवार के मन में ऐसा तो नहीं कि पाकिस्तान से कार्यकर्ता आयात किए जाएं?