मुंबई – मोदी सरकार का पूरा फोकस किसानों पर रहा है. कैबिनेट की पहली बैठक में करोड़ों किसानों को पेंशन की कवरेज देने का फैसला हुआ. इसके जरिए तीन साल में पांच करोड़ छोटे और सीमांत किसान लाभांवित होंगे. सरकार तीन वर्ष में अपने अंशदान के रूप में 10774.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी. इसके तहत 60 वर्ष की उम्र होने पर 3000 रुपये पेंशन देने का प्रावधान है.
इस योजना की दिलचस्प बात यह है कि किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है. आजादी के 70 साल बाद तक किसानों को इस तरह की सुविधा देने के बारे में कभी विचार तक नहीं किया गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार इस तरह का विचार सामने रखा और जीतने के बाद पहली ही कैबिनेट में इसकी मुहर लगा दी.
बीजेपी ने चुनाव में वादा किया था कि यदि दोबारा उसकी सरकार आई तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का विस्तार किया जाएगा. पहले इसके तहत 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान कवर थे, लेकिन सरकार बनने के बाद सभी 14.5 करोड़ किसानों के लिए इसे लागू कर दिया गया. वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार इस स्कीम पर 87,217.50 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
अब तक चार करोड़ से अधिक किसानों को 2000 रुपये की दो-दो किस्त भेज दी गई है. इसका सबसे ज्यादा लाभ योगी सरकार ने लिया है. यूपी के सवा करोड़ लाभार्थी यूपी के हैं. प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने को लेकर अधिकारियों को टारगेट दिए हैं.
पिछले एक माह में किसानों पर फोकस को देखते हुए उम्मीद है कि पांच जुलाई को आने वाले बजट में भी सरकार किसानों के लेकर बड़ी घोषणाएं कर सकती है. किसान सम्मान निधि की रकम सालाना 6000 से बढ़ाकर 8000 रुपये किए जाने की संभावना है.
इस योजना की दिलचस्प बात यह है कि किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है. आजादी के 70 साल बाद तक किसानों को इस तरह की सुविधा देने के बारे में कभी विचार तक नहीं किया गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार इस तरह का विचार सामने रखा और जीतने के बाद पहली ही कैबिनेट में इसकी मुहर लगा दी.
बीजेपी ने चुनाव में वादा किया था कि यदि दोबारा उसकी सरकार आई तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का विस्तार किया जाएगा. पहले इसके तहत 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान कवर थे, लेकिन सरकार बनने के बाद सभी 14.5 करोड़ किसानों के लिए इसे लागू कर दिया गया. वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार इस स्कीम पर 87,217.50 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
अब तक चार करोड़ से अधिक किसानों को 2000 रुपये की दो-दो किस्त भेज दी गई है. इसका सबसे ज्यादा लाभ योगी सरकार ने लिया है. यूपी के सवा करोड़ लाभार्थी यूपी के हैं. प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने को लेकर अधिकारियों को टारगेट दिए हैं.
पिछले एक माह में किसानों पर फोकस को देखते हुए उम्मीद है कि पांच जुलाई को आने वाले बजट में भी सरकार किसानों के लेकर बड़ी घोषणाएं कर सकती है. किसान सम्मान निधि की रकम सालाना 6000 से बढ़ाकर 8000 रुपये किए जाने की संभावना है.